भारत में पहला लॉ कॉलेज 1855 में कोलकाता में खुला था, जिसे आजकल गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के नाम से जाना जाता है।

LLB की डिग्री असल में ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली से ली गई है, भारत में इसे स्वतंत्रता से पहले ही अपनाया गया था।

BALLB इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरुआत भारत में 1987 में हुई, और पहला नेशनल लॉ स्कूल बैंगलोर (NLSIU) था।

 Bar Council of India (BCI) देश में लॉ की पढ़ाई और वकालत करने की अनुमति देने वाली एकमात्र संस्था है।

LLB की पढ़ाई के दौरान "मूट कोर्ट" कराया जाता है, जहां छात्र नकली कोर्ट रूम में केस लड़ना सीखते हैं।

भारत में लॉ डिग्री केवल "Bar Council" की मान्यता वाले कॉलेज से ही मान्य होती है।

LLB या BALLB करने के बाद ही कोई व्यक्ति भारत में “एडवोकेट” कहलाता है।

 Lawyer सिर्फ कोर्ट में ही नहीं, बल्कि फिल्म, खेल, मीडिया, और स्टार्टअप्स में भी लीगल कंसल्टेंट के रूप में काम करते हैं।

Lawyers को "काले कोट" पहनने का नियम अंग्रेजों के समय से चला आ रहा है।

LLB या BALLB के बाद छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी LLM करके विदेशों में जज या लॉ प्रोफेसर बन सकते हैं।

 Lawyers के लिए सबसे अधिक जॉब्स सिर्फ कोर्ट में नहीं बल्कि कॉर्पोरेट सेक्टर और MNC कंपनियों में हैं।